धम्म
धम्म बीच का रास्ता है (Madhyama मार्ग), जो खुशी का मार्ग है और न ही स्वयं वैराग्य के पथ जाता है.
धम्म की नींव और आधार - अस्तित्व दुख की और पीड़ा को दूर करने के लिए रास्ता दिखाने की मान्यता.
धम्म का उद्देश्य - दुनिया पीड़ा से भरा है और कैसे दुनिया से इस पीड़ा को दूर करने के लिए कि.
धम्म का केंद्र - आदमी और आदमी के संबंध पृथ्वी पर अपने जीवन में आदमी के लिए.
भगवान और आत्मा - धम्म के साथ कुछ नहीं करना है, मृत्यु के बाद जीवन, रस्में और समारोहों.
धम्म पीड़ा को हटा, अगर इसके बाद - 1. पवित्रता का पथ (पंचशील), 2. धर्म के मार्ग (Astanga Marga) और 3, Vertue का पथ (Paramitas).
पवित्रता का पथ (पंचशील) -
1. घायल या मारने के लिए नहीं
2. अपने आप को अन्य के अंतर्गत आता है जो कुछ भी चोरी या उचित नहीं करने का.
3. नहीं असत्य बोलने के लिए.
4. नहीं वासना में लिप्त.
5. पेय नशीला में लिप्त नहीं.
धर्म के मार्ग –
1. सही विचार (समान Ditti) (Astanga Marga)
2. सही लक्ष्य (परावर्तन Sankappo)
3. सही भाषण (समान Vacca)
4. सही व्यवहार (परावर्तन Kamanto)
5. सही कमाई (परावर्तन Ajivo)
6. राइट एंडेवर (समान Vyayamo)
7. सही Mindfulness (समान सत्ती)
8. सही एकाग्रता (Samma समाधि)
सदाचार के पथ (Paramitas) –
1. वे (गलत कर का डर)
2. दाना(एक संपत्ति के कराती)
3. Uppekha(टुकड़ी)
4. Nekkhama(सुखों का त्याग)
5. Virya(एंडेवर)
6. Khanti(धैर्य)
7.Succa(सत्य)
8. Adhithana(दृढ़ दृढ़ संकल्प)
9. करुणा (इंसान को प्यार दया)
10.मैत्री (सभी प्राणियों के लिए फैलो भावना)
धम्म अनिवार्य रूप से और मौलिक सामाजिक है. धम्म नैतिकता और नैतिकता धम्म है.